Kernel क्या है ? और यह कितने प्रकार के होते है ? क्या kernel को update या Change किया जासकता है ?

हेलो दोस्तों आज के इस लेख में हम कर्नल (Kernel के बारे में जानेगे और समझे की kernel क्या है ! यह हमारे Operating system पर किस प्रकार से काम करता है ! और किन -किन Operating system में Kernel को बदला या update किया जा सकता है ? दोस्तों जब से हमने Computer के बारे में पढ़ना और जानना Start किया है तब से हमे हमेसा एक बात बताई गई या हमारे द्वारा पढ़ा गया है की Computer के दो मुख्य भाग होते है ! Hardware और Software Computer में Hardware वो पार्ट्स होते है जिनको हम भोतिगी ी( Physically ) touch कर सकते है देख सकते है जैसे -Mouse ,Keyboard Monitor , Printer या Cabinet, और Software computer के वो भाग होते है ! जिनको हम only computer की Screen पर देख सकते है ! परन्तु इसके आलावा भी Computer में एक Software program ऐसा होता है ! जो Computer के पुरे संचालन को नियंत्रित करता है उसको Kernel कहा जाता है ! kernel किसी भी Operating system का एक मुख्य Program है यह एक Core program है जिसके अस्तित्व के बिना Computer machine का संचालन ( Operate )नहीं किया जा सकता है ! यह Core Program  हर एक उस Electronic machine में होता है जो Multitasking Work को Perform करती है ? जैसे Mobile ,Tablet ,Computer ?  इसके बारे में हम विस्तार से चर्चा करते है  !

इस लेख को पढ़ने के बाद आप जान पाएंगे की —

1.Kernel वास्तव में क्या है ?

 2. kernel मुख्य रूप से कितने प्रकार के होते है !

  3. Linux kernel को update करना ? with Piratical

दोस्तों अगर हमे सामन्य भाषा में हमे Computer के Operating System को explane करना हो तो हम कह सकते है की Computer Operating system user और Hardware के बीच का एक पुल( bridge ) है जो user के निर्देशों (Instruction ) को Hardware तक पहुँचाता है ? ठीक उसी प्रकार Kernel operating system और Hardware के बीच एक Controller module का काम करता है यह Operating system को अपने नियंत्रण में रखता है और operating system पर Run होने वाले Application Software को Valid Resource provide करवाता है  अब यहाँ हम एक उदारण की सहायता है समझते है हमारे पास एक 4 GB Computer ram और अब हम उस Computer में कोई application Software run करते है जेसेकी – कोई Video player तो VLC तो उस Video player को कितनी RAM access होनी है और उसको Video को Play करने में किन-किन Resource को use कर रहा है यह सभी का Controller kernel के पास ही होता है  यह मुख्य रूप से CPU (Control processing unit ) की  क्रमानुदेश बुद्धि ( Software wisdom ) होती है ? जिसको Kernel कहा जाता है !  Computer Operating system में Program के Overriding को रोकने का काम Kernel द्वारा ही किया जाता है !

कर्नल के कुछ work को निम्न प्रकार से वर्गीकृत किया गया है जो इस प्रकार है –

Process management

Device management
Memory management
Interrupt handling
I/O communication
File system 

कर्नेल मुख्य रूप से दो श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा गया है

  1. Monolithic
  2. Micro Kernel
  3. Hybrid Kernel

Monolithic(मोनोलिथिक ) –

इस प्रकार के kernel का प्रयोग मुख्य्त Unix / Linux based Operating में किया जाता है ! इसमें Operating system के सबसे Core Function और सभी Driver को Hold किया जाता है ! इस प्रकार के कर्नल मुख्य रूप से Unix / Linux Based System के लिए ही Design किया गया है !  इस Kernel का यूज़ आज के टाइम में काफी Popular operating System Android में किया जाता है  ! Monolithic Kernel एक ऐसा Program है जिसमे Kernel से संब्धित सभी प्रकारके काम करने की Coding होती है ! इस Kernel में किसी भी प्रकार के प्रोग्राम के रन होने पर उस प्रोग्राम की Processing power उस Program में run होने में जरूरत पड़ने वाले Resource और Memory handling से संबंधित काम इसी Kernel के द्वारा किया जाता है!  इस प्रकार से हम कह सकते है की एक Monolithic Kernel में Operating System की सभी Services एक Kernel space में होती है

Micro Kernal ( माइक्रो कर्नल )

इस प्रकार के Kernal को Closed कर्नल भी कहा जाता है ऐसे Kernal की Approach Power कम होती है ! यह कर्नल Mostly Less multitasking OS में किया जाता है ! जैसे की  Mach, L4, AmigaOS, Minix, K42 !

 

Hybrid Kernel (हाइब्रिड कर्नेल )

Hybrid Kernel सबसे ज्यादा Use किया जाने वाला कर्नेल है ! इसका मुख्यतः Microsoft अपने Windows Based Operation System में करता है ! यह इस Kernel में Monolithic और Micro Kernel दोनों का mix रूप होता है इसमें दोनों तरह की खुबिया होती है

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