waterfall model क्या है ?
waterfall model SDLC (System Development Life Cycle ) का एक software Development reference model है ! जिसकी Theory और सिद्वांतो को ध्यान में रखते हुए किसी भी Software Application को बनाया जाता है ! यह एक Popularऔर Liner Sequence software development model है ! इसमें इस बात को समजने और समझाने पर जोर दिया जाता है की जब तक development का एक भाग पूर्ण नहीं हो जाता दूसरे भाग पर काम नहीं किया जासकता है ! और जब एक Phase Complete हो जाता है तो वापस पिछले वाले Phase पर काम नहीं किया जायेगा यानि यह ऊपर से निचेकी ओर चलता है ! एक पानी के झरने की तरह इसलिए इसका नाम Waterfall model है ! इस model को 5 भागो में विभाजित किया गया है ! जसको Phase भी बोला जाता है !
और जब एक Phase Complete हो जाता है तो वापस पिछले वाले Phase पर काम नहीं किया जायेगा यानि यह ऊपर से निचेकी ओर चलता है ! एक पानी के झरने की तरह इसलिए इसका नाम Waterfall model है ! इस model को 5 भागो में विभाजित किया गया है ! जसको Phase भी बोला जाता है !
Requirement = यह इस model का सबसे पहला Phase है ! इस phase में कोई भी software application बनने से पहले उसका documentation त्यार किया जाता है !
Design = इस phase में Requirement Phase में किये गए work का एक blue Print रूप में त्यार किया जाता है इसमें Software का data base set किया जाता है ! जिससे आगे Develop होने वाली Software application में problem को solve किया जा सके
Implementation= waterfall model में यह सबसे लम्बा चलने वाला Process है ! इस process में Real Hardware पर काम किया जाता है !उसका Data base design किया जाता है ! program की Coding की जाती है Platform पर run किया जाता है ! testing की जाती है !
Verification = इस Process में Software को verify किया जाता है उसको Evaluate किया इसमें Software की हर area से Testing की जाती है ! और यह कोसिस रहती है की इसमें किसी भी प्रकार का Running deflection नहीं हो अगर ऐसा हुवा तो लोग इसका use नहीं करेंगे और जिस Purpose के लिए software को develop किया गया है वह पूरा नहीं हो पायेगा और अंत में यह result निकला जाता है की Clint की जिस Requirement पर Software develop किया है ! वह उसकी Requirement को फुलफिल करता है या नहीं
Maintenance = यह किसी भी Software application की अंतिम Phase है ! यह Software बन कर त्यार हो जाता है ! और Launch हो जाता है फिर user के feed back के according कुछ छोटे मोठे Change करने होते है ! और जिस Platform पर वो RUN हो रहा है उसको Maintenance करना होता है !